अंधेरा घना है, मगर जाना है नदी के उस पार
रोक कर मेरा रास्ता, बीच मे खड़ा है बिजली का सरदार

अरे रुको, खलनायक नही वो इस कहानी का
ज़रा पूछो मुझसे की जाना क्यों है,
नदी के उस पार

जाना है उसके अंधेरे को मिटाने,
जाना है उसका भद्दा घर तोड़ने
साथ मेरे रोशनी है, बेहतर समझता हूँ मैं खुद को
मेरा घर वह तोड़े उससे पहले मिटा दूंगा उसको

क्या मजाल उसकी मुझसे अलग होने की,
अंधेरा मुझे पसंद नही,
कोई कैसे रह सकता है बिना रोशनी के,
यह सोच मुझे डराती है,

तू मान मेरी बात, रोशनी तुझे बुला रही है
देख ज़रा देख, ए बिजली के सरदार

Apr 14, 2020
Enjoying playing DotA after a long time, probably a little too much